Tuesday 20 November 2018

20 साल बाद का भारत

20 साल बाद का भारत...

( जनसँख्या नियंत्रण कानून क्यों जरूरी है ?? )

रोज की तरह आज भी लगभग सुबह पौने पाँच बजे, तेज शोर से अचानक नींद खुल गई!!.. अजान हो रही थी !!..

अब मस्जिदे बहुत ज्यादा दूरी पर नही रह गई थी। हर मोहल्ले में मिलने वाले पार्क अब मस्जिदों का रूप ले चुके है !!.. अजान ही अब अलार्म बन चुकी थी !!..

हमने नित्य कर्म किया और सुबह की सैर को चल पड़े !!..

 अब सड़के 20 साल पहले वाली सड़के नही रह गई थी, स्वच्छ !.. अब सड़को पर जगह जगह अंडों के छिलके पड़े रहना आम बात थी !.. छिलकों से बचते हुए सड़क पार करने में ही, योगा हो जाया करता था !!..
 योग सिर्फ कहावतों और कहानी किस्सों में बचा था !.. संविधान में नए कानून के तहत योग को 'हराम' घोषित किया जा चुका था !..
 योग अब बैन था !!..

हम घर पहुंचे !. बच्चे स्कूल जाने को तैयार हो चुके थे !..
 कुर्ता पजामा और जालीदार टोपी !..
अब स्कूलों की यही यूनिफॉर्म थी !!.. हम बच्चों को कुर्ता पजामा और टोपी पहनाकर स्कूल छोड़ने चले गए !!..

वापिस आये तो श्रीमती जी ने कहा, जाइये सब्जी ले आइये !..
अब सब्जियों के मार्केट काफी कम हो गए थे !..
जहां तहाँ, सिर्फ मछली,मटन,अंडों की दुकानें। बीच मे एक दो सब्जी के ठेले !!..

अब एक ही ठेले पे मछली, अंडे, सब्जी सब साथ होती थी !.
एक ही तराजू पे मछली भी तुलती थी, और सब्जी भी !!.. मन पक्का कर हम ले आये सब्जी !!..
श्रीमती जी ने खाना बनाया और हम खाकर, दफ्तर की और चल दिये !!..

अब दफ्तर वो 20 साल पहले वाले दफ्तर नही थे !!.. जब दफ्तर की शुरुआत में राष्ट्रगान होता था और समापन पर राष्ट्रीय गीत !!..
दफ्तर की शुरुआत अजान से हुई !!..
हमने अजान पढ़ी और काम मे लग गए !.. दफ्तर का समय खत्म हुआ !.. नियमानुसार नमाज हुई !...
हमने नमाज पढ़ी और घर आ गए !!..

तब तक बच्चे भी स्कूल से आ चुके थे !.. कोचिंग क्लासेस जाने की तैयारी कर रहे थे !!.. उर्दू स्पोकन क्लासेस !!..
जी अब सारे मार्केट की दुकानों के नाम और सूचना पट उर्दू में ही लिखे जाते थे !!..
 उर्दू सीखना अब जरूरी भी था और मजबूरी भी !!..

  बच्चे कोचिंग चले गए !.. हम श्रीमती जी के साथ  टेलीविजन देखने लगे.. सीरियल के नाम भी बदल गए थे !.. खाला हो तो ऐसी, आपकी आपा, बकरा किश्तों पे और नमाज पढ़ने के तरीके जैसे !..
 अब इन्हें ही देखना हमारी नियति बन चुकी थी !..

बच्चे कोचिंग से आ गए !.. खाना खाकर अजीब सी जिद करने लगे !..

पापा पापा बहुत दिन हो गए मन्दिर गए हुए !!..

अब नेपाल कब जाएंगे ??..

जी अब सबसे नजदीक में मन्दिर नेपाल में ही थे !!..
देश के मंदिर तो गोल गुम्बद बन चुके थे !..

हां हां जाएंगे बेटा जरूर जाएंगे मन्दिर। पर गर्मी की छुठियो में !!..
हमने कहा !!..
ये सुन बच्चे नाराज होकर चले गए !!..
बच्चों की ये हालत देखकर श्रीमतीजी की आंखों से आँसू बहने लगे !!..

हम दोनों 20 साल पहले के अतीत में खो गए .
किस तरह हम आज से 20 साल पहले कालेज की पार्किंग में 'स्वामी यति नरसिंहानंद जी' को गालिया दे रहे थे !!.. उन्हें बांटने वाला दंगाई आतंकी कहकर भला बुरा कह रहे थे !!..

फिर वो कालेज की कैंटीन , जहाँ चाय पी पीकर नरसिंहानंद को गाली दे रहे थे !!..
टेबल पर बैठे हम हमारे ही मुस्लिम दोस्तो से ज्यादा, नरसिंहानन्द के उपर हमारा खून का खौल रहा था ।
हम ऐसे गरियाते जैसे अपने मुस्लिम दोस्तो को खुद के सेक्युलर और लिबरल होने का प्रमाण पत्र दे रहे हो !!..
हमारे कुछ अन्य हिन्दू मित्रो ने हमे समझाया भी था !!.. पर उस समय हमारे ऊपर खुली सोच, मॉर्डनाइजेशन और लिब्रिज्म का नशा छाया हुआ था !!.. ( हमे खुलकर जीना था लेकिन सच्चाई कुछ ऐसी थी हम खुद को सेकुलर बनाते बनाते इस्लाम की शरीयत कानून के गुलाम हो गए और अब तो हममें से कोई कुछ बोलना चाहता है तो उसका गला काटकर सजा दी जाती है )
किस तरह हमने उन हिन्दू मित्रो को पूरे कालेज के सामने अपमानित किया था कि तू सम्प्रदायिक है ब्लडी ओल्ड माइंड हिन्दुज !!..
 साम्प्रदायिक कहकर उन्हें बदनाम किया । हमेशा उनसे घ्रणा की !!..

ये सब सोचते सोचते अचानक हमारे मुँह से निकल पड़ा !..

श्रीमती जी काश उस समय कालेज में हमें सेक्युरिज्म का कीड़ा ना काटा होता और आप लिब्रिज्म की चादर ओढ़े ना बैठी होती !!..
तो आज ये दिन ना देखने पड़ते !..
आज हमारे बच्चों की इस हालत के जिम्मेदार कोई और नही, सिर्फ हम है !..
अगर स्वामी नरसिंहानन्द जी का साथ दिया होता तो हिन्दुत्व मरा ना होता और हम खुलकर अपनी जिंदगी जी सकते थे !!..
*********

दोस्तो ये तो सिर्फ एक कल्पना थी ..हक़ीक़त भी बन सकती है.. अतः ये हक़ीक़त ना बने हम सबको स्वामी जी यति नरसिंहानन्द  सरस्वती जी का साथ देना होगा..
छद्म सेक्युरिज्म और ढोंगी लिब्रिज्म से बाहर आना होगा !!.. जनसँख्या नियंत्रण क़ानून पर खुलकर समर्थन करना ही होगा यह सम्प्रदायिक नही देश, प्रकृति व बच्चो का भविष्य बचाने के लिए है ,
वरना आने वाली पीढ़ियां हमे कभी माफ नही करेंगी !!

( हो सके तो हर हिन्दू यह शेयर करता जाए और सोचकर देखे क्या होने वाला है हमारे बच्चों का भविष्य ??
जब हमारी बेटियो का जबरन जानवरो की तरह बलात्कार होगा और बेटों खतना होगा )

अज्ञात...
Email - narsinghwani@gmail.com
Email - tanuragrai@gmail.com

6 comments:

  1. सब खत्म हो जाएगा हिन्दुओ का

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  2. आपके कार्य दैवीय है। समस्त हिंदुओं को साथ देना चाहिए

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  3. स्वामी जी हिन्दू सेक्युलर बनकर खुद अपने विनास का बीज बो रहे है।

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  4. आपको NRI कैसे चन्दा भेजें ?
    jaya sri krishna!
    hinduunation.com

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  5. Adress do guru jii mai aa rhaa hu

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  6. I am a student I want to participate with you guru ji

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