Tuesday 14 May 2019

बसई दारापुर की कहानी

                हर हर महादेव
                नरसिंह उवाच
           बसई दारापुर की कहानी
अपने पूर्वजों के पाप की सजा अब हर बेटी को चुकानी पड़ेगी।12 मई जब पूरी दिल्ली के हिन्दू राष्ट्रवाद को समर्पित थे,तब दिल्ली के बसई दारापुर गाँव में एक बाप अपनी बेटी को अस्पताल से घर ला रहा था।घर के पास कुछ मुसलमान शिकारी जिनकी किताब ने उन्हें समझा रखा है की काफिर की बेटी तो उनके लिये माले गनीमत है,उन्होंने अपने माल अर्थात काफिर की बेटी को छेड़ दिया।उस अभागी काफिर लड़की का अभागा बाप राजू त्यागी ये जानता ही नहीँ था की जिन्हें वो अपना किरायेदार मानता है,वो कुरआन के मुताबिक किरायेदार नहीँ बल्कि पूरी धरती के मालिक हैं।
2 किरायेदारों जहांगीर खान और मोहम्मद आलम और उनके साथियों ने इलाके के रसूखदार जमीदारो की नाक के नीचे उन्ही के खानदान के राजू त्यागी को चाकू से गोद कर मार डाला।
और उनका पुत्र भी चाकू की मार से घायल गम्भीर अवस्था मे जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है।
ज्ञात रहे घटना दिल्ली के बसई दारा पुर गांव की है जो कि त्यागियों की एकता और बल का गढ़ माना जाता है।
पर उनके गढ़ में सेंध लग चुकी है।
आज राजू त्यागी जी की आत्मा स्वर्ग में अपने पूर्वजों को जा कर अवश्य बताएगी की जो बीज तुम बो आये थे उसका पेड़ बन चुका और हमको फल भी मिलने लगे।
इलाके के बुजुर्ग लोग हैरानी व्यक्त कर रहे थे।
भाई पिछले 40 से में ऐसा पहली बार हुआ है।
पर सच्चाई ये है कि पहली बार हुआ है आखिरी बार नहीं।
बिगुल बज चुका।
तुम भले युद्ध मे इंट्रेस्ड न हो पर युद्ध तो आपकी और बढ़ रहा है।
और हाँ जाते जाते एक बात और जिस गांव में जमीन बाहर के व्यक्ति को जल्दी से बेचने की परंपरा तक नहीं होती वहां मस्जिद के लिए जमीन देने वाला कैसे और किन स्तिथियों में मिल जाता है इसपे मंथन होना चाहिए।
और
दिल्ली के अन्य गांवों को इससे कुछ सबक लेना चाहिए।
बसई वालो ने मादी पुर वालो से सबक लिया होता तो आज ये स्तिथि न होती।
अब आपके गांव की बारी है।
हर हर महादेव जी
14 मई 2019

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