इनाम रुपये 1 लाख तक...
Sponsored BY Narsingh Vani
आज्ञा से... - यति नरसिंहानन्द सरस्वती
शिवशक्ति धाम डासना जिला गाज़ियाबाद की तरफ से सभी सनातन धर्म के मानने वालों के लिये सामान्य ज्ञान की एक प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है।इसके लिये सभी प्रतियोगियों को नीचे दी हुई कहानी को ध्यान से पढ़ना है और इस कहानी के बाद पूछे गए कुछ प्रश्नों के उत्तर YouTube चैनल "Narsingh vani" और "नरसिंह वाणी'' Facebook Page पर इस कहानी के कमेंट बॉक्स में देने हैं । यह प्रतियोगिता आज 28 / 04 / 2019 से ही आरम्भ है । सही जवाब देने वाले प्रथम सौ विजेताओं का शिवशक्ति धाम डासना में भव्य अभिनन्दन किया जायेगा और उन्हें पुरुस्कार स्वरुप एक हजार रुपया और प्रामाणिक सनातन धर्म ग्रन्थों का एक सेट प्रदान किया जायेगा । सभी सनातन धर्म के मानने वालों से अनुरोध है की इस प्रतियोगिता में अवश्य भाग लें व अपने उत्तर के साथ अपना मोबाइल नं - [ +91- ■■■ ] व पता भी भेजें ....
कहानी
एक ज्ञानी,परोपकारी,मानवता प्रेमी और पुरुषार्थी जनसमुदाय ने धर्म के शाश्वत सिद्धान्त तय किये औऱ सारे विश्व में अपने पराक्रम औऱ पुरुषार्थ से विश्वगुरु के रूप ने विज्ञान, ज्ञान और धर्म का प्रचार प्रसार किया । उन्होंने अपने वंशजो के लिये अभूतपूर्व गौरवशाली विरासत छोड़ी।परन्तु उनके ये वंशज अपने पूर्वजों जितने पराक्रमी और पुरुषार्थी नहीँ निकले और यह जनसमुदाय धीरे धीरे अपने गौरव को खोने लगा।एक समय ऐसा आया की कातिलों की एक फ़ौज ने जनसमुदाय के करोड़ो लोगो का कत्ल कर दिया और जनसमुदाय से उसकी धरती का बहुत बड़ा भाग छीन लिया। यह जनसमुदाय ने अपना सारा प्रभुत्व खोकर एक छोटे से किले में सिमट गया।कातिलों की फ़ौज ने उस किले को चारों तरफ से घेर लिया है।किले के सबसे पहले रक्षक जिन्हें कातिलों से लड़ने के लिये नियुक्त किया गया था वो कातिलों की फ़ौज से मिल गए है और उन्होंने सद्भावना और मानवता के नाम पर कातिलों को बड़ी संख्या में किले में बसा लिया है।अब किले के अंदर बसे हुए कातिल सब काम छोड़कर रात दिन ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर लगे हुए हैं ताकी किले पर अंदर से ही कब्जा करके जनसमुदाय को समाप्त कर दें।कातिलों ने जनसमुदाय के विभिन्न जातियों के प्रभावशाली लोगो में अपने बहुत से मित्र बना लिये हैं जो अपने व्यक्तिगत स्वार्थो के लिये कातिलों को शांतिप्रिय और मानवतावादी घोषित करके उन्हें जनसमुदाय को समाप्त करने में पूरा सहयोग दे रहे हैं लेकिन जनसमुदाय में अभी भी इतनी शक्ति है की वो अगर लड़ने को तैयार हो जाये तो कातिलों की फ़ौज सहित सारे गद्दारो को धूल धूसरित कर सकते हैं।किले में अभी अनन्त काल तक चलने लायक रसद और अन्य सामग्री है।किले में रहने वाले जनसमुदाय ने एक व्यक्ति पर भरोसा करके उसे प्रधानसेवक बना कर किले की सारी व्यवस्था की जिम्मेदारी दे दी है।प्रधानसेवक को यह जिम्मेदारी जनसमुदाय की रक्षा के लिये बने स्वयंसेवी संगठन और जनसमुदायों के धर्म के आचार्यो के कहने पर दी गयी है।इन सबने जनसमुदाय को यह विश्वास दिलाया है की वो सभी गद्दारो सहित कातिलों की फ़ौज को नष्ट करके जनसमुदाय को उसका प्राचीन गौरव वापस दिलाएंगे।अब समुदाय के धर्माचार्य और धर्मगुरु समुदाय को भरोसा दिला रहे हैं की समुदाय को अपनी पूरी ताकत भगवान का स्मरण,भजन, कीर्तन,रास रंग और मंदिर निर्माण में लगा देनी चाहिये।धर्माचार्य बता रहे हैं की जनसमुदाय को निश्चिन्त होकर भक्ति और प्रेम में सराबोर रहना चाहिये क्योंकि भगवान भगवान भक्ति और प्रेम में ही है और सदैव अपने भक्तों की रक्षा करता है।जनसमुदाय की रक्षा के लिये बने स्वयंसेवी संगठन ने किले के अंदर रहने वाले कातिलों को प्रेम और अहिंसा सिखाने के लिये प्रचारकों की एक फ़ौज तैयार कर ली है जो प्रचुर मात्रा में धन,साधन और जनसमुदाय की महिलाएं कातिलों को देकर उन्हें अपना दामाद बना रहे हैं और जनसमुदाय को भरोसा दिला रहे हैं की कातिलों के साथ जनसमुदाय पूरी तरह से सुरक्षित है।यदि कातिल नहीँ रहेंगे तो जनसमुदाय का अस्तित्व नहीँ रहेगा।प्रधानसेवक जो स्वयं भी इस महान संगठन का प्रचारक है,वो भी हर तरह से जनसमुदाय के साधनों को छीनकर कातिलों के लिये पक्के मकान बनवा रहा है,कातिलों को पढ़ने और काम करने के लिये बड़ी मात्रा में धन और साधन उपलब्ध करवा रहा है।कातिलों के धर्मगुरूओ ने प्रधानसेवक को समझाया है की कातिलों की गरीबी के कारण ही किले का ठीक से विकास नहीँ हो पा रहा है।उनकी बात मानकर प्रधानसेवक ने अपने संगठन की नीतियों का पालन करते हुए बडी मात्रा में कातिलों को फ़ौज,पुलिस और प्रशासनिक पदों पर भर्ती कर रहा है।जनसमुदाय के ज्यादातर लोग प्रधानसेवक की नीतियों से खुश हैं और उन्हें पूरा विश्वास है की प्रधानसेवक और उनकी रक्षा के लिये बना हुआ संगठन जनसमुदाय को उसका प्राचीन गौरव वापस दिलाकर बहुत जल्दी विश्वगुरु बना देगा। जनसमुदाय के धर्मगुरु और साधारण व्यक्ति अपने प्रधानसेवक से पूरी तरह संतुष्ट हैं।
लेकिन इसी किले में एक नकली धर्मगुरु टाइप का आदमी रहता है जो झगड़ालू, चिड़चिड़ा और घिनौना है।कुछ मुर्ख और अज्ञानी किस्म के लोग जो संख्या में बहुत थोड़े हैं, इस व्यक्ति को अपना गुरु भी मानते है।ये लोग इस व्यक्ति के लिये सदैव मरने मारने पर उतारू रहते हैं।जनसमुदाय के अधिकतर लोग इस व्यक्ति को जिद्दी,अहंकारी,झगड़ालू,दुष्ट और अज्ञानी मानते हैं।पहल यह व्यक्ति जनसमुदाय की रक्षा के लिये के लिये बने स्वयमसेवी संगठन का ही था और प्रधानसेवक को उसके पद तक पहुँचाने में बहुत बड़ा सहायक रहा था।इस व्यक्ति का मानना था की जनसमुदाय को सबसे बड़ा खतरा किले के अंदर बढ़ रही कातिलों की तादात से हैं। अगर कातिल इसी तरह बढ़ते रहे तो एक दिन वो किले पर कब्जा कर लेंगे और जनसमुदाय खत्म हो जायेगा इसीलिये किले के अंदर ऐसा कानून बनाना चाहिये की कातिलों की आबादी नियंत्रित की जा सके।स्वयमसेवी संगठन के सबसे बड़े नेता ने इस व्यक्ति से वादा किया था की यदि प्रधानसेवक को जिम्मेदारी मिली तो सबसे पहला काम यही कानून बनाना ही होगा।इस व्यक्ति ने उनकी बात पर विश्वास करते हुए अपनी पूरी ताकत उनके साथ लगा दी।तब तक तो यह व्यक्ति सही था और लोकप्रिय भी था।इस व्यक्ति ने प्रधानसेवक से पहले किले के सत्ताधीशों से लड़ते हुए 31 बार जेल काटी और सौ से ज्यादा रात हवालात में बिताई। परंतु मूल रूप से यह व्यक्ति विघ्नसंतोषी था।प्रधानसेवक के जिम्मेदारी सँभालते ही इसने संगठन पर दबाब बनाना शुरू कर दिया और जगह जगह जाकर धरना संसद करके धर्मगुरूओ को बरगलाना शुरू कर दिया की प्रधानसेवक ने अगर यह कानून नहीँ बनाया तो बहुत जल्दी जनसमुदाय का अस्तित्व मिट जाएगा।टीवी की हजारो डिबेट में,जगह जगह सभा करके,पदयात्रा करके यह व्यक्ति यही चिल्लाने लगा।इसके जोर जोर से चिल्लाने पर बहुत से लोगो ने इसकी बात को सच समझ लिया और वो भी यही मांग करने लगे।उसका चिल्लाना कातिलों को और जनसमुदाय की रक्षा करने वाले स्वयमसेवी संगठनों को और जनसमुदाय के धर्मगुरूओ को अखरने लगा।उन्होंने एक बहुत बड़ा प्रचार तंत्र इस पाखण्डी को फ़साने और बदनाम करने के लिये लगा दिया। और तो और इस व्यक्ति ने कातिलों के धर्मग्रन्थ को पढ़कर और कातिलों के इतिहास को समझकर जनसमुदाय से यह भी कहना शुरू कर दिया की यह कभी भी जनसमुदाय को जीवित नहीँ छोड़ेंगे।उसके इस अनर्गल प्रलाप को सुनकर जनसमुदाय का रक्षक संगठन और प्रधानसेवक के अनुयायी तिलमिला गये और उन्होंने इस व्यक्ति को विक्षिप्त और गद्दार घोषित कर दिया।परन्तु यह व्यक्ति इतने पर ही नहीँ रुका। इसने जनसमुदाय की धार्मिक मान्यताओं पर भी कुठाराघात करते हुए धर्म की अलग व्याख्या करनी आरम्भ कर दी।इसने कहा की भगवान धर्म के लिये लड़ने और मर मिटने वालो की रक्षा करते हैं न की धर्म के नाम पर रोने वालो की,गाने वालो की और रास रचाने वालो की।इसने कहा कि जनसमुदाय के पूर्वज अपने पराक्रम और पुरुषार्थ के कारण विश्वगुरु बने ना की ढोंग और अहिंसा के कारण।इस हिंसक व्यक्ति का कहना है की जनसमुदाय गाँधी की नीतियों पर चलकर नहीं बल्कि श्रीराम,कृष्ण और परशुराम की शत्रुहन्ता नीतियों पर चलकर ही महान और विश्वगुरु बन सकता है।इस व्यक्ति ने प्रधानसेवक और महान संगठन की नीतियों पर प्रश्नचिन्ह लगाने का कार्य करते हुए किले की शांति को अभूतपूर्व हानि पहुँचाई।कातिलों को इस व्यक्ति से बहुत घृणा है और वो किसी भी कीमत पर इसको कत्ल करना चाहते हैं।जनसमुदाय के बहुत से धर्मगुरु भी इस व्यक्ति को धर्म के लिये खतरा मानते हैं।प्रधानसेवक के समर्थकों ने इसको जनसमुदाय से अलग थलग करने का पूरा अभियान चला रखा है।परंतु यह व्यक्ति किसी भी बात से विचलित न होकर किले में अशांति फैला रहा है।
अब आपके प्रश्न शुरू होते है :-
1.इस कथा में किस जनसमुदाय की बात हो रही है ?
2.इस कथा में जो किला है,उसका वास्तविक नाम क्या है ?
3.इस कथा में किन कातिलों की बात हो रही है ?
4.वो लोग वास्तव में कौन हैं जिन्होंने कातिलों को किले में जगह दी ?
5.वो लोग वास्तव में कौन हैं जो अपनी अपनी जातियो के नेता बन कर कातिलों से मिल गए ?
6.इस कथा में जिस स्वयमसेवी संगठन का जिक्र है,उसका असली नाम क्या है ?
7.प्रधानसेवक का असली नाम क्या है?8.प्रधानसेवक और संगठन कितने दिनों में जनसमुदाय को विश्वगुरु बना देंगे ?
9.प्रधानसेवक और संगठन कितनी बहन बेटियो को कातिलों को देकर उन्हें अहिंसक बना देंगे ।
10.प्रधानसेवक कितना धन,साधन,नौकरी,घर और शक्ति देकर कातिलों को अहिंसक बना देंगे ?
11.इस कहानी के खलनायक का असली नाम क्या है ?
12.यह व्यक्ति किस कारण से किले की शांति व्यवस्था को बर्बाद करने पर तुला है ?
13.किसके कहने पर यह व्यक्ति जनसमुदाय की धार्मिक मान्यताओं पर कुठाराघात कर रहा है ?
14.किले की शांति और जनसमुदाय की कातिलों से मित्रता के बीच में विघ्न डाल रहे इस व्यक्ति की आपके हिसाब से क्या सजा होनी चाहिये ?
15.आपको क्या लगता है की इस व्यक्ति का अंत कातिलों के हाथ से कत्ल होकर होना चाहिये या जेल में सड़ाकर इसे मारना चाहिये ?
....दिनाँक - 28 / April / 2019
1- हिन्दू धर्म
ReplyDelete2-भारतवर्ष
3-जिहादी मुल्लाओ की बात की गयी है।
4- सत्ता के लोभी नेता
5-मायावती,अजित चौधरी,मुलायम सिंह आदि।
6-R S S
7-नरेन्द्र मोदी
8-इन हालातो मे वो कभी भी विश्वगुरू नही बना सकते है।
9-वो तो हमेशा देते रहेंगे , उनकी आँखों में बस कुर्शी का नशा हैं।
10-बहुत कम देने से ही वो अहिंशक बन जाएंगे क्योंकि उनका तो टारगेट है चिंगारी तो जल ही रही है बस हवा चाइए।
11- गुरु देव यति बाबा नरसिंहानंद सरस्वती जी।
12-हिन्दू धर्म और भारत की बर्बादी को रोकने के लिए, काफिरो जिहादियो से अपने अस्तित्व को बचाने के लिए।
13-किसी के कहने से नही बल्कि इनको भविष्य की बर्बादी नजर आ रही है, और ये सन्याशी देश के हित में जान की बाजी लगाए बैठा है।
14-इस व्यक्ति की बात को सुनकर उस पर अम्ल होना चाइए, सजा देने के लिए तो कातिलो को चुनना चाइए।
15- इस व्यक्ति की हत्या या सजा इस देश का बहुत बड़ा दुर्भाग्य होगी। इन्होंने हमेशा अपने राष्ट्र के लिए क़ुरबानी दी है। यदि इनको सजा मिलती हैं तो देश में एक क्रांति जन्म ले सकती है। और इनकी हत्या से तो हिंसा भी विकराल रूप धारण कर लेगी। हमे बाबा की बातों पर अम्ल करना चाहिए न की सजा करानी चाहिए।
हर हर महादेव
प्रियंका राठी -टीकरी बागपत
8849453428
8447305048
1- हिन्दू धर्म
ReplyDelete2-भारतवर्ष
3-जिहादी मुल्लाओ की बात की गयी है।
4- सत्ता के लोभी नेता
5-मायावती,अजित चौधरी,मुलायम सिंह आदि।
6-R S S
7-नरेन्द्र मोदी
8-इन हालातो मे वो कभी भी विश्वगुरू नही बना सकते है।
9-वो तो हमेशा देते रहेंगे , उनकी आँखों में बस कुर्शी का नशा हैं।
10-बहुत कम देने से ही वो अहिंशक बन जाएंगे क्योंकि उनका तो टारगेट है चिंगारी तो जल ही रही है बस हवा चाइए।
11- गुरु देव यति बाबा नरसिंहानंद सरस्वती जी।
12-हिन्दू धर्म और भारत की बर्बादी को रोकने के लिए, काफिरो जिहादियो से अपने अस्तित्व को बचाने के लिए।
13-किसी के कहने से नही बल्कि इनको भविष्य की बर्बादी नजर आ रही है, और ये सन्याशी देश के हित में जान की बाजी लगाए बैठा है।
14-इस व्यक्ति की बात को सुनकर उस पर अम्ल होना चाइए, सजा देने के लिए तो कातिलो को चुनना चाइए।
15- इस व्यक्ति की हत्या या सजा इस देश का बहुत बड़ा दुर्भाग्य होगी। इन्होंने हमेशा अपने राष्ट्र के लिए क़ुरबानी दी है। यदि इनको सजा मिलती हैं तो देश में एक क्रांति जन्म ले सकती है। और इनकी हत्या से तो हिंसा भी विकराल रूप धारण कर लेगी। हमे बाबा की बातों पर अम्ल करना चाहिए न की सजा करानी चाहिए।
1 हिन्दु/ सनातन /वैदिक / आर्य
ReplyDelete2। भारत भूमि
3 इस्लामिक जेहादी
4 old time कायर /नासमझ / सत्ता के लोभी भारतीय राजाओं ने
वर्तमान समय में नेताओं ने
5 lalu mulayam mayavati और बहुत से
6 RSS & VHP
7 NARENDRA MODI
8. इन परिस्थितियों में कभी नहीं
9। अनगिनत
10. 100 IAS 11 ya 9 % पुलिस और सेना साथ में सच्चर कमेटी की मांग को मानकर
11 RSS narendra modi
12 सत्ता और वोट का लोभी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छवि और पुरस्कार
13 नक़वी & सहनवाज और इस्लाम के धर्मगुरु
१४। जयचंद जैसा
15। दोनों में से कोई परन्तु शीघ्र
AMIT SINGH
mobile & whatsapp no9506270557
email singhji.amit557@gmail.com
& singhamit153282@gmail.com
address
VILL AWARHI KRITPURA
Post KUNDOOR
ps CAPTANGANJ
dist KUSHINAGAR U.P 274149
div GORAKHPUR
1.sanatan dharmo(Hindu)
ReplyDelete2.Aryavart(Bharat)
3.Musalman
4.Secular ka dhong krne wale Congress,Mamta Banrji, Kejriwal etc
5.Mulayam, Akhilesh, Mamta Banrji,Mayavati, Satish Mishra etc
6.Rss
7.Narendra Modi
8.kabhi nhi,visva gulam aur visva hrm(vesyalay) jarur bna dege
9.sari dekar bhi nhi bna sakte,Ahinsak
10.sab kuch dekar bi nhi bna sakte
11.is kahani me guruji ne khud Ko khalnayak ke Rup me pesh Kiya kintu asli khalnayak secularism wale hai
12.satta ke lalach me,
13.masjido me jakr iska dimag kt gya,nkvi etc
14.guruji apko tino senao ka sarvoch commander bena Dena chahiye,sath me kuch bi krne ki chut
15.Nsg security milni chahiye,jb algav vadi neta Ko mil Sakti hai,to AAP Ko kyu nhi,aapto Desh bhakt ho
VILL-Gursanda
District-Hardoi (up)
8750469822
हर हर महादेव
ReplyDeleteआदरणीय गुरु जी आपके चरणो में सादर नमन
1. हिंदू
2. हिंदुस्तान
3. आतंकियों की मुस्लिम की ईसाई की अंग्रेजों की क्योंकि सभी ने बारी-बारी से देश को लूटा और लूट के चले गए
4. उस समय के कुछ बुद्धिहीन नेता और घर के भेदी
5. जिन्हें अपना राजनीतिक फायदा दिखता है वही लोग सत्ता के लोभ में धर्म व देश को बेचते हैं
6. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिसने 1925 से हिंदुत्व की अलख जगाए रखी और आज भी अपना कार्य निरंतर अपने ढंग से कर रहा है सब के देखने के अलग अलग नजरिए हैं आपका नजरिया कुछ और है संघ का नजरिया कुछ और है गुरु जी हम किसी के नजरिए को गलत नहीं ठहरा सकते अगर कोई सच में हिंदुत्व के लिए काम कर रहा है हमें आवाज उठानी चाहिए देशद्रोह के खिलाफ राष्ट्रवादी के खिलाफ नहीं कुछ देशद्रोही जैसे कन्हैया हार्दिक पटेल सैम पित्रोदा दिग्विजय सिंह अगर नाम गिनाने लगू तो 500 नाम हो जाएंगे हमें उनका विरोध करना चाहिए ना की किसी की सही नीतियों का जो हमें गलत लगती हो
7. देश के गौरव आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी
8. आदरणीय गुरु जी विश्व गुरु बनना किसी देश को अपने में मिलाना नहीं होता है हम अपनी नीतियों के अनुसार दुनिया को अपनी नीतियों पर चला सकते हैं जैसे मोदी जी ने भी किया योग पर पूरी दुनिया से समर्थन मिला यह भी हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है जिसे पूरे विश्व ने माना है आज भारत का मान पूरे विश्व में बढ़ा है जिसका कारण आप और हम जैसे बहुत से राष्ट्रवादी हैं जिन्होंने सही नीतियों का हमेशा समर्थन किया है और देश को विश्व गुरु बनाने की राह पर अग्रेषित किया है
9. लव जिहाद को उजागर करने वाले आप जैसे बहुत से संतो ने बहुत से आंदोलन हिंदू बेटियों को बचाने के लिए किए हैं हमने वह समय भी देखा है जब कोई भी मुस्लिम इलाका होता था वहां से हिंदू बेटी गुजर नहीं सकती थी आज वह समय भी आया है कोई भी बेटी हो अपना सर सम्मान से उठाकर चल सकती है
10. इस देश में अब्दुल हमीद जैसे वीर अब्दुल कलाम जैसे महानायक भी हुए हैं जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर भी भारतवर्ष को झुकने नहीं दिया पर जो जिहादी मुस्लिम होता है जैसे कश्मीर के अलगाववादी नेता इनके सारे संसाधन छीन लेने चाहिए और पाकिस्तान भेज देना चाहिए पर जो हमारे देश के वीर हैं जो अपनी जान की बाजी लगाकर भी देश को झुकने नहीं देते उन्हें संसाधन मिलने चाहिए
11. इस कहानी के हीरो हमारे पूजनीय आदरणीय गुरु जी आप
12. गुरु जी आप शांति व्यवस्था बर्बाद नहीं कर रहे शांति व्यवस्था बर्बाद करने वाले वो लोग हैं जो देशद्रोही हैं जो अपने सत्ता लाभ के लिए देश को बेचने पर तुले हैं गुरु जी आप तो सत्य की राह पर है आप खलनायक नहीं आप हीरो हैं
13. गुरु जी आप यहां पर थोड़े से सही नहीं है आप यहां पर कुठाराघात नहीं कर रहे हो बल्कि आप हिंदू मानस की जन भावनाओं को जन चेतना को जगाने का काम कर रहे हो जो आप निरंतर अंतिम सांस तक करोगे संस्कृति और धर्म हित में किया गया कार्य कुठाराघात नहीं धर्म युद्ध होता है
14. अगर आप कुठाराघात करते तो आप की सजा होती है पर आप एक संत का काम कर रहे हैं जो हिंदू मानस की जन भावनाओं को जगा रहा है उनके धर्म उनकी संस्कृति से उन्हें जोड़ रहा है आप हिंदू जनमानस के धार्मिक गुरु हैं आपकी कोई गलती कोई सजा नहीं है
15. आदरणीय गुरु जी ना ही हत्या ना ही जेल आप सदैव ही अंतिम सांस तक धर्म का काम करोगे और हम हिंदू मानस आप के संरक्षण में हिंदू धर्म एवं संस्कृति से जुड़े रहेंगे और अपने हिंदू धर्म व संस्कृति की वीर गाथाएं एवं शौर्य गाथाएं सुनते रहेंगे और सीखते रहेंगे
आदरणीय गुरु जी के चरणों में प्रणाम मेरी यह राय थी आदरणीय गुरु जी कुछ गलत लगा हो तो माफी
हर हर महादेव
हर हर महादेव गुरूदेव.
ReplyDeleteGurudev jo aapse sikha usi Dharm pe mai chalunga.. phir chahe meri batein kisi ko buri lage..I Dont Care..
1. Is lekh mai 1 kayar koum ki Bat ki gayi hai..Jo apni dharm ki shaswat shiksha se bhatak gayaa hai..Jaise ki hum Sanatani-Ye bhul gaye hai ki hum 1 Yoddhey Dharm par chalane waale chalane waale log hai.
2. Ye fort hai Hamara Akhand Hindustan..Jo akhand hai..Vishwguru Hai..Sarvsapnna hai.
3. Is katha me ek jangali,Jahil,Lutere,Ek kayar,Gaddar suvaron ki fouj ki baat ki hai-Jinhe Aaj hum musalman jihadiyo ke naam se jante hai.
4. Darasal ve wo log hai..jo unke dharm ko nahi janate..wo agyani log na itihas janate hai na bhavishya..Aur nahi unke us gaddar dost ko pahchante hai..
Jaise isme sabase pahla naam hai-'jaychand' jisne apne hi hanton se apni bahen betiyo ki mandi lagaa di..
5.Log is prashn par bolenge-Mamata,Akhilesh,Mulayam,Mayavati,Lalu...Par sach batau to ye aajkal ke kutte hai..Haddi dekhate hi lal tapkate hai..
Asal mai inke baam ka baap ka naam to gaddar GHANDHI AUR NEHRU hai..
6. Rss,Bajarang Dal,VHP is katha mai ek hi sanghthan ke baare mai bola hai..Par mujhe lagata hai maine bataye tino naam wo ek hi sanghthan hai..ek hi maksad ke liye bane hai..sirf naam alag hai.. is sangthan ka asli kaam tha is kile mai rahne wali koum ke logo ko ladhaku banana. Par inhone banaa diya netoyo ke isharo par nachne vale kathpule.
7. Us kayar koum ke akankshao ke pratik pradhansevak Naredra modi..Jinko kahiyon ne har har modi ka nara lagakar bhagvaan maan rakhaa hai..
8. Jis tezi se..Jin nitiyon pe pradhansevak aur sanghtan kaam kar rahe hai usase yahi lagta hai 2039 me,lagbhag agle 20 saal mai wo kila viswaguru ban jayega..sirf wo un luteron ka hidustan hoga..na ki us koum ka jo ladhane ki bajay pradhansevak aur sanghtan ke bharose bhethi rahi.
9. Such batau Gurudev apka sawal hi hi galat hai..chahe sari betiya ya bahen de kar bhi ye bhediye ahinsuk nahi ban sakte..Kyun ki ye bhediye hai..Aur aurat chahe unki ya dusare ki wo sirf unka shikar hai.
10. Fir se galat prashn. -Bhediyon ki bhuk marate dum tak nahi matati..Itihas gavah hai Gandhi ne ek sampurn desh ko de diya..to bhi ye bhediye ahinsak nahi bane..To pradhansevak kuch dhan ki kya baat karte hai?
11. Us kayar samaj ke najar me is katha ke khalnayak he mere Gurudev Yati Baba Narsinghanand Saraswati..
Par hum jaise paglo ke liye wo hamare guru hai..Aur humare jaise pagal unke ek ishare par marne aur marane ke liye tayar hai..
Hamari marathi ke ek sant bol gaye hai-पुत्र हो ऐसा गुंडा जिसका तिनही लोक में झंडा..4 षंड बनने से अच्छा 1 गुंड हो..khalnayak to khalnayak hi sahi.
12. Kyun ki use pataa hai-itihas me jab bhi shanti prastapit hui hai wo adhrmiyon ke sath jang ladhke,Unka sarvnash karke hui hai..Na ki shanti ka dhong karke adharmiyon ke sath milkar adharm karke.
13. Kuch logon ke liye is kahani ke khalnayak Aur mere Gurudev koi kutharaghat nahi kar rahe..sirf aksar kayar logon me sach sunane ki takat nahi hoti..Jisne apni puri jindagi un looteron ko samjhane me lagaa di..Use kisi ke kahne par koi baat karne ki kya jarurat??
14. Bhagat singh, Rajguru,Sukhdev,Azad,Bose,Savarkar, Nathuram Godase-itihas gavah hai Jinhone bhi apne dharm ke liye ladhai ladhi wo log hamesha marne ke liye tayar rahe hai..Aur ek sanyasi ko sajaa yaa mrutyu se kya bhay chahe wo jo bhi mile. Agar dharm par chalkar dharm ki raksha karna gunah hai to gurudev ke sath sath hum bhi ise baar baar karne ke liye tayar hai chahe jo sajaa mile.
15. Mujhe lagta hai jo dharm youdh pe nikalta hai uski 1 hi ichha hoti hai ki youddhbhumi me dushman ko marte marte use veergati mile..Gurudev aap ek youddha hai aur me chahta hoon ek youddha ek youddha ki tarah hi mare-Youddh ladhte huye..Shan Se..Gurv Se..Hajaro saal Yaad rahe Aise.
हर हर महादेव
Deepak Parvat
At-Shirdi Dist-Ahemadnagar
Maharashtra
Pin-413711
Mo.No-9156976096
1.हिंदू
ReplyDelete2.भारत वर्ष
3 मुस्लिम
4 कांग्रेस
5 मुलायम, मायावती व अन्य लोकल नेता
6 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
7. नरेन्द्र मोदी
8 आने वाले 10 वर्षों में
9.
कातिल कभी भी अहिंसक नही हो सकते
10 कातिलों को कुछ भी दे दो वह कभी भी आपके नहीं हो सकते
11 स्वामी नरसिंह सरस्वती महाराज
12 हिंदू हित के लिए
13 अन्तर आत्मा की आवाज
14 कोई सजा नही होनी चाहिए अपितु उनके अनुसार सभी के लिए अधिकतम दो बच्चों का कानून बना कर उन कातिलों को नियंत्रित किया जा सकता है
15 गुरु जी आप धर्म को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हो और आपकी हत्या या कोई सजा की बात कोई सोच भी नहीं सकता, हिंदू धर्म अभी इतना कमजोर नहीं हुआ कि अपने आदर्श की रक्षा न कर सकें.
हर हर महादेव
संजय त्यागी
मेरठ
8171133776
Please unite all Hindus for noble cause.
ReplyDeleteHello narsingha and g pls contact me on this no.
ReplyDeletenarsinghaand g jai shri krishna pls contact me on this
ReplyDeleteNo.iwant to talk u pls.. 9599240860